"हिमगिरी के उत्तुंग शिखर पर, बैठ शिला की शीतल छाँव; एक पुरुष भीगे नयनों से, देख रहा था प्रलय प्रवाह..."
Friday, February 25, 2005
Thursday, February 24, 2005
Monday, February 21, 2005
"हिमगिरी के उत्तुंग शिखर पर, बैठ शिला की शीतल छाँव; एक पुरुष भीगे नयनों से, देख रहा था प्रलय प्रवाह..."