Thursday, October 18, 2007
Hemant Kumar and Gulzaar
होठ पे लिए हुए, दिल की बात हम,
जागते रहेंगे और, कितनी रात हम
मुख़्तसर सी बात है, तुमसे प्यार है
तुम्हारा इंतज़ार है...
तुम पुकार लो!
दिल बहल तो जाएगा, इस ख़याल से,
हाल मिल गया तुम्हारा, अपने हाल से
रात ये क़रार की, बेक़रार है
तुम्हारा इंतज़ार है...
तुम पुकार लो!
Saturday, October 13, 2007
The 'Angrezi' Culture!
For the 'swadesi' me, it has been rather difficult from the very beginning to assimilate the 'angrezi' culture of B-Schools. A die-hard supporter of desi-bhashaa-swadesi-vyavahaar; there are thousands of irritating things out here which have constantly harassed my mental peace.
One of them is that most ubiquitous of the several phrases used by those 'Yo-dudes' (for the 'uneducated': if you are having difficulty picturing them, just imagine a bunch of gays chatting in shorts and 'I'm Pagal' Tees and 3-inch heeled sandals called 'kittos') - "rock".
Rock is everywhere. The 'about me' section of someone's orkut profile would say 'I rock!' The dinner suddenly becomes eatable one day and the 'Mess Committee rocks!' They haven't seen a sea-beach in their entire lifetime, and the first exclamation would be 'The place rocks!' The most 'jhamtee' guy in the class solves the problems for the next day's submissions and everybody copies it, 'He rocks!' The only good teacher of the last term becomes 'That prof rocked!' Why do you always have to "rock"? Why can't you 'jazz' or 'hip-hop' or 'heavy metal' or 'country blue'? Or rather, can't you simply 'aalaap'? He 'aalaaps', he 'thumrees', he 'qawwalis'… might even go like he 'bhajan-kirtans'!!
Now don't argue with me for the word meaning of 'rock'. The dictionary is clear about it. Current usage isn't what the word is meant to be. I'd selectively quote a few of the dictionary meanings-
rock: \ˈräk\
–noun
1. a large mass of stone forming a hill, cliff, promontory, or the like.
… … …
2. offensive term: an offensive term for the testicles ( slang )
… … …
–transitive verb
1. to move back and forth in or as if in a cradle
… … …
–intransitive verb
3. to sing, dance to, or play rock music
… … …
–Idioms
1. between a rock and a hard place, between undesirable alternatives.
2. get one's rocks off, Slang: Vulgar. to have an orgasm.
3. on the rocks,
a. Informal. in or into a state of disaster or ruin: Their marriage is on the rocks.
b. Informal. without funds; destitute; bankrupt.
c. (of a beverage, esp. liquor or a cocktail) with, or containing, ice cubes: Scotch on the rocks; a vodka martini on the rocks.
–Related forms
rockless, adjective
rocklike, adjective
So, whenever I hear someone saying 'he rocks', I usually tend to think about the second meaning of the word as a noun, mentioned in my list - poor guy, whatever might've happened to his 'rocks'! To sum this post up, all I want to convey is, can't we use the word in its more interesting forms, rather than the gay-usage? Look at the second and the third idioms in the above list. There are pretty 'rocking' usages of the word, can't people just 'get their rocks off' once and for all and stop this particularly irritating usage of making anybody rock?
Sunday, October 07, 2007
दिवास्वप्न
पानी पर फिसलते शिकारे में तुम्हारी मादकता का एहसास था
झील की सतह सहलाते तुम्हारे बालों से भँवर सा आभास था
तुम्हारे चेहरे पर तितली की टिप्पियों सा मधुर हास था
तुम्हारी आँखों की गहराईयों में परावर्तित सारा आकाश था
कल स्वप्न में तुम्हें देखा था
पानी में भिगोई तुम्हारी उँगलियों में भीनी सी छुअन थी
किनारे की डालियों में तुम्हारे चेहरे को छू जाने की तड़पन थी
तुम्हारी हथेली पर आने को कमल की पत्ती पर की ओस व्याकुल थी
बादलों के बीच से तुम्हारी झलक पाने को सूरज की किरण आकुल थी
कल स्वप्न में तुम्हें देखा था
तुम्हें स्पर्श करती उस पार से आती बयार मेरी ईर्ष्या बढ़ाती थी
पानी से छलकी दो बूँदें तुम्हारे होठों पर बैठ मुझे चिढ़ाती थीं
तुम्हारी उँगलियों से खेलती धार मेरी निर्बलता का एहसास दिलाती थी
तुम्हारे बालों से उलझती कुछ शैवालें मेरा परिहास उड़ाती थीं
कल स्वप्न में तुम्हें देखा था
हृदय के दूरस्थ कोने में छुपे उद्गारों को हवा देता स्वप्न
एकांत जीवन की निरर्थकता जताकर मुझे झकझोरता स्वप्न
खुली आँखों में तुम्हारी मृगतृष्णा समान मँडराता स्वप्न
असत्य, व्यर्थ, मूर्खतापूर्ण, क्रूर "प्यारा" सा स्वप्न...
Thursday, October 04, 2007
Placements, IIMs et al
IIMs are less of academic institutions, they are "glorified placement agencies" in essence, and you hardly come to learn, you come to get placed! Given this level of importance to the process, we have two official placement seasons, "summer placements" for first year students and "final placements" for second year students. Both the gala ceremonies have an equal importance with same number of companies fighting to recruit candidates. Within two weeks after admission process completes in an IIM, the preparations for the "festivals" start off. CV building, targeting big-shot companies and booming sectors and finally, "returns". Placement rules are more sacred than all religious practices of the world put together, and deviations, which might have been tolerable by God, are not tolerated here.
As the "festivals" back at K would take off, I'd join the "single and looking" band for that one fool who'd hire me for two months hoping I might turn useful. ;)
Monday, August 20, 2007
A slice of life
- Aristotle
The Stretch to Mavoor
P.S. All pictures courtesy Kajal, the "unofficial" trip photographer! :D
Saturday, August 18, 2007
तुम
व्यस्त जीवन के कुछेक बेचैन पलों में जब
तुम्हारी यादों की क़सक होती है
जड़-चेतन हर तत्व में हर ओर
सिर्फ़ तुम्हारी झलक होती है
इन अनवरत बारिशों में
तुम्हारे नटखटपन की मिलावट है
इन विस्तृत घाटियों के खालीपन में
तुम्हारी उत्कटता की आहट है
इन घुमावदार सड़कों के उस पार अब भी
तुम्हारी परछाईयाँ अठखेली करती हैं
उन पर्वतों में डूबती-उतराती घटाएं
यादों की आँख मिचौली करती हैं
रात्रि के तीसरे पहर वाले सन्नाटे में
तुम्हारी मोहक-अविरल बातें गूँजती हैं
रौशनी के नीचे असँख्य कीट-पतँगों की भन्नाहट में
तुम्हारी उच्छृन्खलता खलती है
माना आज तुम साथ न सही
पर इक सुखद अनुभूति तो है
वो चंचल मुस्कान आस-पास न सही
भरोसा उन यादों के प्रति तो है
जीवन से कुछ प्राप्त हुआ हो न हो
पर स्वयं पर इतना अभिमान तो है
तुम्हारी चेतना में क्षण भर को ही सही
आज भी आता मेरा नाम तो है!
Thursday, August 16, 2007
I need a miracle
"He said
I'm just one man, that's all I'll ever be
I never can be everything you wanted from me
I've got plans so big
That any blind man could see "
There's more to it...
"Your feet are grounded still
You're reaching for the sky
You can let 'em clip your wings
'Cause I believe that you can fly"
And the best part...
"It ain't all for nothing
Life ain't written in the sand
I know the tide is coming
But it's time we made a stand
With a miracle"
Friday, August 10, 2007
आओ मिल कर बैठें
कई वर्षों की ख्वाहिश है
तमाम ज़िन्दगी यूँ ही बिताने की
कुछ गिले-शिकवे मिटाने की
कुछ पुरानी यादें सजाने की
वो रंगीन किस्से, वो छोटी मुलाकातें
उन जामों का हल्का सुरूर, वो दिल की बातें
वो परिंदों सी आज़ादी, वो सुकूनी रातें
फिर साथ आने की, वो बाज़ियाँ बिछाने की
कुछ पुराने साथी, कुछ पुराने मंज़र
कुछ दिलफेंक नज़ारे, कुछ हसीन खंजर
कई आड़ी तिरछी राहें, कई अजीब सफ़र
हमाम में एक बार फिर, वही नज़्में गुनगुनाने की
कोशिश तुम्हारे ग़मों को फिर अपनाने की
एक ही थाली में फिर हर रोज़ खाने की
तुम्हारे दिल का वो कोना वापस पाने की
ख्वाहिश है, एक बार फिर दिल-से मुस्कुराने की
Inspired by Chandra's post.
Thursday, August 09, 2007
The frosted glass
It rains for almost half of the year in Kerala. And I am dying to get drenched...
Too much of a pessimist I am, huh?
Friday, June 01, 2007
काश
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काश मेरे पास बस थोड़ा कुछ होता...
एक कतरा आसमान का विस्तार
एक दोने भर नदी का बलखाना
एक थैली सागर की उठती लहर
एक मुठ्ठी पुरवईया का झोंका
एक साँस भर भीगी काली घटा
एक नज़र भर इँद्रधनुष का रँग
काश!
मैं ज़्यादा कुछ की लालसा नहीं रखता...
बस एक नग सरसराती पत्ती उस झाड़ की
एक दामन इठलाहट पेड़ की डाल की
एक चुटकी भर महक पहली बारिश से नम मिट्टी की
एक छुअन चुलबुली मचलती उस गिलहरी की
एक चुल्लू खुशबू बाग़ के सारे फूलों की
एक हथेली पसीना माली की मेहनत का
काश!
मैंने सीमित कर डाले हैं अपने ख़्वाब, चाहिये अगर...
तो बस एक हिस्सा ऊँचे पर्वत की हिम्मत का
एक चमकीली किरण ढलते सूरज की
एक आईना तालाब में बनती चाँद की परछाई
एक मीठी सिहरन रात को समन्दर किनारे की ठण्डी रेत की
एक चेतना ऊँचाई से गिरती झरने की इक बूँद की
एक थोड़ा बंजारापन उस रेगिस्तान का
काश!
मैंने अपने लिये तो कभी कुछ चाहा ही नहीं...
बस एक मुठ्ठी विवेक से भरा मस्तिष्क
एक झोली मिठास से भरी वाणी
एक पर्वत भर ऊँचा विश्वास
एक चींटी भर जितना धैर्य
एक सागर भर गहरे प्रेम से भरा हृदय
और एक सम्पूर्ण "आत्मा" से भरा शरीर
काश!
काश मेरे पास बस थोड़ा कुछ होता...